Friday 18 March 2016

नई दिल्ली। रेलवे की खानपान सेवाएं वापस आईआरसीटीसी को सौंपे जाने के बावजूद इनकी निगरानी व देखरेख का जिम्मा जोनल रेलों के पास ही रहेगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 2016-17 के रेल बजट में खानपान सेवाओं को वापस इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को सौंपने का एलान किया है। इस प्रक्रिया को चरणों में पूरा किया जाएगा।

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के राज्यसभा में दिए बयान के अनुसार खानपान सेवाएं धीरे-धीरे आईआरसीटीसी को वापस सौंपी जाएंगी। लेकिन उसके पास प्राइवेट लाइसेंसियों को कैटरिंग लाइसेंस देने का सीमित अधिकार होगा। जबकि खानपान की निगरानी और देखरेख का काम जोनल रेलों के पास ही बना रहेगा।

खानपान सेवाओं को वापस आईआरसीटीसी के हवाले करने का निर्णय श्रीधरन समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। समिति ने सुझाव दिया था कि चूंकि आईआरसीटीसी का गठन मुख्य तौर पर खानपान सेवाओं को पेशेवर बनाने के लिए ही किया गया था और इन्हें फिर से जोनल रेलों को सौंपे जाने से यह उद्देश्य की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो गई है।

लिहाजा पिछली खामियों से सबक लेते हुए कुछ सुधारों के साथ खानपान सेवाओं को पुनः आईआरसीटीसी को सौंपे जाने की जरूरत है। समिति के सुझावों के आधार पर इस बार खानपान सेवाओं को दो हिस्सों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया है। चूंकि दोनों गतिविधियां अलग-अलग विशेषज्ञता, साधन तंत्र और मानव संसाधन की मांग करती है इसलिए अब खाना बनाने/पैक करने और उसका वितरण करने का काम अलग-अलग शाखाओं के जिम्मे होगा।

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