Patrika, 2016-03-27 16:17:22
वाराणसी. दिव्यांगों को सबसे अधिक मुश्किलों का सामना रेलवे की
यात्रा के दौरान करना पड़ता है। आने वाले दिनों में दिव्यांगों के लिए
रेलवे का सफर आरामदायक होगा। ट्रेन में अभी एक बोगी ही दिव्यांगों के लिए
आरक्षित है, शीघ्र ही ट्रेन में इंजन के बाद एक बोगी और अंत में गार्ड की
बोगी के पास एक बोगी लगेगी। प्लेटफार्म से ट्रेेन पर चढऩे के लिए रैंप की
व्यवस्था होगी ताकि बोगी में आसानी से दिव्यांग प्रवेश कर सकें।समाज कल्याण
एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुख्य आयुक्त डा. कमलेश कुमार ने रविवार को
सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में बताया कि आगामी मानसून सत्र में
दिव्यांगों के लिए संशोधन के साथ बिल पेश किया जाएगा। बिल पास होने के साथ
ही दिव्यांगों के सामाजिक स्तर में सुधार होगा, उनके लिए तमाम सुविधाएं
बढ़ेंगी। रेलवे में अभी तक विकलांगों की स्थिति के आधार पर आरक्षण होता था,
बिल पास होते ही सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। विभाग दिव्यांगों के लिए
यूनिक पहचान पत्र जारी कर रहा है जो उन्हें तमाम सरकारी सुविधाएं दिलाने
में मदद करेगी। 18 साल में एक तिहाई शिकायतों का ही समाधान मुख्य आयुक्त
डा. कमलेश कुमार ने बताया कि विभाग में 1998 से लेकर अब तक 98 हजार से अधिक
दिव्यांगों की शिकायतें दर्ज हुई लेकिन अब तक महज 28 हजार मामले का ही
निबटारा हो सका है। यह बेहद चौंकाने वाला आंकड़ा है। दिव्यांगों की
समस्याओं के निस्तारण के लिए मोबाइल कोर्ट शुरू किया गया है ताकि उन्हें
अतिशीघ्र न्याय मिल सके। दिव्यांग अब विभाग की वेबसाइट के जरिए आनलाइन
शिकायतें भी दर्ज करा सकते हैं। अब सरकार ही बांटेगी उपकरणदिव्यांगों के
उपकरण वितरण में धांधली की कई शिकायतें विभाग को मिली है। बीते साल
मीरजापुर में ही एक संस्था ने 350 दिव्यांगों को सरकार की ओर से प्रदत्त
उपकरण वितरण कराने के बाबत रिपोर्ट दी थी। जांच में पता चला कि एक भी उपकरण
वितरित हुआ ही नहीं, संस्था को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। पूर्व में
एनजीओ नब्बे फीसद और सरकार दस फीसद उपकरण वितरित करती थी लेकिन अब मामला
उलटा हो गया है। सरकार नब्बे फीसद उपकरण का वितरण करेगी। देशभर में 1850
कैंप लग चुका है। 225 करोड़ की लागत से एलिम्को से निर्मित यंत्र साढ़े तीन
लाख दिव्यांगों को वितरित किए जा चुके हैं।
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