Saturday 9 April 2016

By Shashank Rao |Posted 08-Apr-2016



While officials say the money will go towards drought relief, activists slam move to monetise farewell ride on Kurla-CST DC train on Saturday night
This weekend, Central Railway will chuck its obsolete DC trains and ride the gravy train instead. As the Harbour line finally bids goodbye (and good riddance) to its 1,500-volt Direct Current (DC) system, you can witness the end of an era that had begun on this very line in 1925. For the princely sum of Rs 10,000, that is.
CR may be notorious for inconveniencing commuters with slow service and repeated technical failures, but let none say it missed an opportunity to spin some money. As the last old 9-car DC train rolls out of service on Saturday night, the authorities will allow rail fans and other interested citizens to be part of the historic moment for a cool Rs 10,000 per ticket. This will not only cover the fare for the midnight journey on the rickety rake, but will also allow the joyriders to sit in the comfort of the ticket counter (called Star Chamber) and watch a live screening of the conversion to 25,000-volt Alternating Current (AC) system over the course of the night.
DC trains like this one will no longer ply after the Harbour line converts to the AC system this weekend. The last 9-car train to run on Saturday night will be preserved by CR. File pic
DC trains like this one will no longer ply after the Harbour line converts to the AC system this weekend. The last 9-car train to run on Saturday night will be preserved by CR. File pic
The last DC local will depart from Kurla at 11.30 pm and will end its run at Chhatrapati Shivaji Terminus (CST) at 12.15 am. Over the intervening night, the Harbour line’s electrical system will be converted to the AC system — the last one to do so in all of India. Sources said those who buy the tickets will also be allowed to flag off the first train to run on the new system at 6 am, Sunday.
Song and dance
“People can board this last train anywhere between Kurla and CST. We have also called for music bands that will play at the railway stations,” said SK Sood, CR’s general manager. These bands will play at Kurla, Chunabhatti, GTB Nagar, Wadala, Sewri, Cotton Green, Reay Road, Dockyard, Sandhurst, Masjid and CST. The sale of tickets is being handled by JJ School of Arts.
However, passenger associations are miffed by this decision. “The railways are making this into pure business, which is totally wrong. It is an eventful night and instead of selling tickets at such high rates, they should allow the thousands of people who might want to bid farewell to the last DC rake system in India,” said Subhash Gupta, president of Rail Yatri Parishad, and member of the Zonal Rail Users Consultative Committee (ZRUCC).
“Everyone should be allowed to see it for free, if they are interested. This is a foolish decision and railways are trying to make business out of anything and everything. Not everything should be charged,” said Madhu Kotian, president of Mumbai Rail Pravasi Sangh and ZRUCC member.
CR chief Sood, however, said the ticket collections will go to help drought-affected areas in Maharashtra.
Betterment ahead
The DC system took birth on February 3, 1925, on the Harbour line itself, and it is here that it will end its run. This will open up greater scope for the improvement of services to cater to the 12 lakh commuters on the Harbour and Trans-Harbour lines. CR is in the process of demanding four rakes each for the two sections, which would drastically boost its carrying capacity. There are 20 rakes available for CR and WR, which need to write in their demand and send it to the Railway Board.
Sources said that CR will ask for four rakes on Harbour line and four on the Trans-harbour very soon. Each rake will carry out 12-15 services per day, which would result in more services between CST-Panvel and Thane-Panvel. “We are currently making plans for the same and working out the precise routes where these rakes are needed,” said a CR official.
At present there are 10 lakh people who use the Harbour line and another 2 lakh on the Trans-harbour line every day. With the proposed Navi Mumbai airport coming up, there is a need to improve and increase the train services. However, CR and MRVC, have been unable to maintain their deadline for the conversion from 9 cars to 12-car services between CST-Panvel. Sources said they have now realised that the number of coaches are more than sufficient for this purpose, but their targets for parking these rakes haven’t been met. If additional parking lines, stabling lines and work on platforms are not all completed by April, then there could be lot of issues ahead.
Making history
>> All nine coaches of the DC rake will be preserved by the railways and locations have been identified
>> They will be parked at P D’Mello road siding at CST, Wadi Bunder, Thane and the National Rail Museum in Delhi
>> Rail fans participating in the event after paying R10,000 can avail of models of these DC coaches at a token price
>> Video recording shall be done of the entire power upgradation that will be played inside the preserved DC coaches for the next 10 years
11.30 pm
The time at which the last DC local will depart from Kurla on Saturday night, arriving at CST at 12.15 am
गतिमान एक्सप्रेस को सफलतापूर्वक शुरू करने के बाद रेलवे के स्पैनिश फर्म टैलगो द्वारा तैयार हाई-स्पीड ट्रेनों का परीक्षण जून में मौजूदा पटरियों पर करने की संभावना है। यह ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति को छू सकती है।
गतिमान को शुरू करने के लिए निजामुद्दीन और आगरा स्टेशनों के बीच पटरियों को मजबूत किया गया। गतिमान देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है। बार्सिलोना से 27 मार्च को एक मालवाहक जहाज से रवाना किए नौ टैलगो डिब्बे फिलहाल रास्ते में हैं। इन डिब्‍बों के 21 अप्रैल तक मुंबई बंदरगाह पर पहुंचने की उनकी संभावना है। स्पैनिश ट्रेन निर्माता ने मौजूदा भारतीय रेल नेटवर्क पर मुफ्त में अपनी तेज ट्रेनों का परीक्षण करने की पेशकश की है।
: गतिमान एक्सप्रेस में ट्रेन होस्टेस के साथ मल्टीमीडिया सुविधाएं, खाने में मिलेगा इडली-डोसा-चिकन रोल
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,'पहले टैलगो ट्रेन का परीक्षण बरेली और मुरादाबाद रेल मार्ग पर 115 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से किया जाएगा। इसके बाद पलवल और मथुरा मार्ग पर अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से परीक्षण किया जाएगा।' तीसरा परीक्षण दिल्ली और मुंबई के बीच अधिकतम 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जाएगा।
 प्रेस विज्ञप्ति: उत्तर रेलवे     06-04-2016

     रेलयात्रियों की सुविधा के लिए, रेलवे जम्मूतवी तथा कानपुर के बीच एक नई द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रैस  रेलगाड़ी संख्या 14155/14156 का संचालन निम्नानुसार करेगी:-
     रेलगाड़ी संख्या 14155 कानपुर-जम्मूतवी द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस दिनांक 09.06.2016 से प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को कानपुर से सांय 05.15 बजे प्रस्थान करके अगले दिन दोपहर 12.10 बजे जम्मूतवी पहुँचेगी । वापसी दिशा में रेलगाड़ी संख्या 14156 कानपुर-जम्मूतवी द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस दिनांक 10.06.2016 से प्रत्येक बुधवार और रविवार को जम्मूतवी से सांय 05.30 बजे प्रस्थान करके अगले दिन दोपहर 01.55 बजे कानपुर पहुँचेगी ।
    एक वातानुकूलित 2 टीयर, 2 वातानुकूलित 3 टीयर, सात शयनयान श्रेणी, छ: सामान्य श्रेणी एवं दो सामानयान वाली यह रेलगाड़ी मार्ग में इटावा, टुण्डला, अलीगढ़, खुर्जा, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ सिटी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अम्बाला छावनी, लुधियाना, जलंधर छावनी एवं पठानकोट छावनी स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी ।

04-04-2016
दिनांक 04.04.2016 से 09.05.2016 तक प्रयाग स्टेशन पर 35 दिन ट्रैफिक ब्लॉक लिए जाने के कारण रेलगाड़ियां का आंशिक रुप से रद्दीकरण/रोककर चलाना

      रेलवे द्वारा प्रयाग स्टेशन पर प्लेटफॉर्म संख्या-2 पर वॉसेबल एप्रोन की व्यवस्था का कार्य किया जा रहा है दिनांक 04.04.2016 से लेकर 09.05.2016 तक 35 दिन के लिए ट्रैफिक ब्लॉक लिए जायेंगे । जिसके परिणामस्वरूप निम्नलिखित रेलगाड़ियां उपरोक्त अवधि में निम्नानुसार आंशिक रुप से रद्द /रोककर चलाई जायेंगी:-

रेलगाड़ी का आंशिक रूप से रद्दीकरण
      ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान रेलगाड़ी संख्या 54254/54253 लखनऊ-प्रयाग-लखनऊ पैसेंजर रेलगाड़ी फाफामऊ स्टेशन पर यात्रा समाप्त करेगी तथा इसकी वापसी यात्री सेवा फाफामऊ स्टेशन से शुरू की जायेगी ।
रेलगाड़ियों को रोककर चलाना
     ट्रैफिक अवधि के दौरान रेलगाड़ी संख्या 54378 बरेली-प्रयाग पैसेंजर रेलगाड़ी अपनी सेवा 85 मिनट की देरी से समाप्त करेगी । रेलगाड़ी संख्या 54308 बरेली-प्रयाग एक्सप्रैस अपनी सेवा 35 मिनट तथा रेलगाड़ी संख्या 54376 जौनपुर-प्रयाग पैसेंजर अपनी सेवा प्रयाग स्टेशन पर 60 मिनट की देरी से समाप्त करेगी ।

08-मार्च, 2016 19:48 IST
Press Information Bureau, Government Of India, रेल मंत्रालय

अर्नेस्‍ट एंड यंग विज्ञापन के उद्देश्‍य के लिए 7000 रेलवे स्‍टेशनों की परिसम्‍पत्ति और मूल्‍य रणनीति की करेगा पहचान

पहली बार देश में रेलवे के लिए विज्ञापनों पर इस तरह की शुरू की गई है व्यापक परियोजना

रेल मंत्री द्वारा गैर किराया बॉक्‍स रूट के जरिये राजस्‍व बढ़ाना है लक्ष्‍य

इससे विज्ञापनदाताओं के कारोबार को सुगम बनाने और जिम्‍मेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, विशिष्‍ट जनसंख्‍यागत और भौगोलिक जरूरतों को बढ़ाने में सहायता मिलेगी

इस माध्‍यम से विज्ञापनदाताओं को अपने निवेश की वापसी संबंधी आकलन में भी मदद मिलेगी

अर्नेस्‍ट एंड यंग बीमा, टैक्‍स, कारोबार और परामर्श सेवाओं का वैश्विक नेतृत्‍वकर्ता है
  

भारतीय रेलवे ने अर्नेस्‍ट एंड यंग को अपने व्‍यापक विज्ञापन अभियान में शामिल किया है। यह वैश्विक कंपनी भारतीय रेलवे में योगदान से विभाग स्‍टेशनों और रेलगाडि़यों में व्‍यापक रूप से विज्ञापन क्षमता के अवसरों की पहचान और उसे पूरा करने के तौर-तरीकों पर सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका निभायेगी। अर्नेस्‍ट एंड यंग बहुराष्‍ट्रीय पेशवर सेवाएं देने वाली कंपनी है और इसका मुख्‍यालय लंदन में है। यह बीमा, टैक्‍स, लेन-देन व्‍यापार और परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली अग्रणी वैश्विक कंपनी भी है। इसका कई देशों के साथ कारोबार है और यह अलग से कानूनी कार्यक्रम भी चलाती है। रेलवे जैसे सार्वजनिक उपक्रम के तहत राइट्स सलाहकार विभाग है और इसने अर्नेस्‍ट एंड यंग को बहुपार्टी नीलामी संबंधी सेवाएं दे रखी हैं।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु हमेशा विज्ञापनों के जरिये नॉन फेयर बॉक्‍स रूट से राजस्‍व बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं। शुरुआती पहल इस बात का संकेत है कि अगले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे अपने विज्ञापन पर 5000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा खर्च करेगा।
अर्नेस्‍ट एंड यंग को भारतीय रेलवे ने अपनी क्षमताओं का विज्ञापन करने के मद में समूचे देश के करीब 7,000 रेलवे स्‍टेशनों के व्‍यापक नेटवर्क के तहत चलने वाली रेलगाडि़यों और उसकी पूंजी क्षमता को जांचने के लिए यह जिम्‍मेदारी सौंपी है। अर्नेस्‍ट एंड यंग ने अपने विशिष्‍ट कार्यक्रमों के तहत मार्केटिंग एंड एडवरटाइजिंग रिस्‍क सर्विसेज (मार्स) को रेलवे की सेवाओं के लिए प्रस्‍तुत करने का प्रस्‍ताव किया है। इससे समूचे भारत के रेलवे स्‍टेशनों की क्षमता की पहचान करने में मदद मिलेगी और विज्ञापनदाताओं को अपनी मूल्‍यगत रणनीति को विकसित करने में सहूलियत होगी। कंपनी ने अपना काम शुरू कर दिया है।
रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष श्री ए. के. मित्तल ने विभाग के अधिकारियों और अर्नेस्‍ट एंड यंग के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बारे में कहा कि ‘दोनों के बीच वार्ता का दौर समाप्‍त हो गया है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने इस पहल के जरिये यात्रियों पर कोई बोझ बढ़ाये बिना राजस्‍व बढ़ाने का फैसला किया है। अर्नेस्‍ट एंड यंग और भारतीय रेलवे परिसम्‍पत्तियों के अधिकतम असरदार दोहन के लिए इस परियोजना के जरिये अग्रणी विज्ञापन उत्‍पन्‍न करने वाली कंपनी होगी। अतीत में रेलवे ने विज्ञापन के जरिये राजस्‍व कमाये थे लेकिन गाडि़यों और स्‍टेशनों पर विज्ञापन के लिए जगह सीमित रही है। पहली बार देश में व्‍यापक पैमाने पर परियोजना की पहचान की गई और समूचे भारत में विज्ञापन के मौकों का सूत्रपात हुआ।’ अर्नेस्‍ट एंड यंग के भागीदार और मीडिया और मनोरंजन के राष्‍ट्रीय सूत्रधार श्री फारूख बलसारा ने कहा, ‘इतने व्‍यापक पैमाने पर परिसम्‍पत्ति के विज्ञापन के वास्‍ते दोहन और इस काम के लिए राष्‍ट्रव्‍यापी मूल्‍यांकन कभी नहीं हुआ था। हमें बेहद खुशी है और परियोजना में भारतीय रेलवे के जुड़ने पर हमें गर्व भी है। इस कार्य से विज्ञापन के जरिये राजस्‍व बढ़ेगा और इसके बदले यात्रियों की सेवाओं में सुधार और रेल नेटवर्क का विस्‍तार होगा। इस कार्य से कामकाज में बेहतरी आयेगी।’ भारत में अर्नेस्‍ट एंड यंग निदेशक भारत राजमणि ने बताया, ‘इस पहल से हम अपने लक्ष्‍य यानी यात्रियों तक पहुंचेंगे और विज्ञापनदाता के रूप में नया माध्‍यम भी पैदा होगा। भारतीय रेलवे अपनी उच्‍च पहुंच और भारी-भरकम कार्यों में गतिशीलता आयेगी। इससे स्‍थानीय और राष्‍ट्रीय ग्राहकों दोनों को फायदा होगा।’
भारतीय रेलवे की इस अनोखी पहल से निवेश की भरपाई में स्‍वाभाविक मदद मिलेगी। इसके अलावा, विज्ञापन के परम्‍परागत तौर-तरीके से निजात मिलने के साथ ही ज्‍यादा समय के लिए ज्‍यादा यात्रियों और ग्राहकों को लाभ पहुंचाना सुनिश्चित होगा। इसके अतिरिक्‍त, रेलवे अपनी टिकटिंग और स्‍टेशन से जुड़े आंकड़े को व्‍यवस्थित कर पायेगा।

***

केटी/वीके – 1344
(Release ID 46488)


08-अप्रैल, 2016 19:38 IST
Press Information Bureau, Government Of India, रेल मंत्रालय
शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस सीसीटीवी निगरानी कैमरा से लैस भारत की पहली रेलगाड़ी बनी 
रेलयात्रियों की निजता के लिए सुरक्षा देखभाल में निगरानी प्रणाली से कोई समझौता नहीं 
डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर के साथ प्रत्येक कोच में 5-6 कैमरे लगाए गए 
धुंधली लाइट या कम लाइट की स्थिति में खासकर गलियारा क्षेत्र में व्यक्ति के चेहरे की पहचान संभव  
     
रेल में सुरक्षा उपाय बढ़ाने के बजटीय प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आज नई दिल्ली में रेल भवन परिसर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए गाड़ी संख्या 12497/12498 शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना का उद्घाटन किया। रेल भवन में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों में रेल बोर्ड के सदस्य मैकेनिकल श्री हेमंत कुमार, रेल बोर्ड में सदस्य ट्रैफिक श्री मोहम्मद जमशेद, रेल बोर्ड में सदस्य इंजीनियरिंग श्री वी. के. गुप्ता और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. पुठिया और दिल्ली मंडल के डीआरएम श्री अरुण अरोड़ा शामिल हैं। अमृतसर रेलवे स्टेशन पर रस्मी उद्घाटन समारोह में पंजाब के चिकित्सा, शिक्षा तथा अनुसंधान मंत्री श्री अनिल जोशी, अमृतसर के मेयर श्री बख्शी राम अरोड़ा, यात्री सुविधा समिति के सदस्य डॉ. अशोक त्रिपाठी, श्री मोहम्मद इरफान खान तथा श्री तिलक राज कटारिया प्रमुख अतिथि थे। इस अवसर पर उत्तर रेलवे, फिरोजपुर, के मंडलीय रेल प्रबंधक (डीआरएम) श्री अनुज प्रकाश और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा भारतीय रेल की हमेशा प्राथमिकता रही है। सभी रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइनें, सीसीटीवी कैमरे, आरपीएफ को संवेदी बनाने, एकीकृत सुरक्षा प्रणाली जैसे कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि रेलगाड़ियों में सुरक्षा में सुधार की दिशा में शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस में सीसीटीवी निगरानी कैमरे लगाना एक और कदम है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल गाड़ियों में सीसीटीवी कैमरा लगाना प्रौद्योगिकी दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी और मानव प्रयास दोनों साथ-साथ होने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल प्रौद्योगिकी विकास के लिए नवाचारी समधान ढूढ़ने में सक्रिय है। इससे निश्चित रूप से रेल परिसरों में अप्रत्याक्षित घटनाओं/अपराधों में कमी आएगी।
उन्होंने शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बारे में कहा कि यह शान-ए-सुरक्षा का उदाहरण साबित होगा। रेल परिषर में भारतीय रेल सुरक्षा बढ़ाने के निरंतर उपाय कर रही है। 24 घंटे की हेल्पलाइनें, आपातस्थिति से निपटने के लिए मल्टीस्क्रीनिंग टेक्नोलॉजी, निगरानी और सुरक्षा प्रणाली जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। निगरानी प्रणाली मैसर्स ए पॉल इन्सट्रूमेंट कंपनी द्वारा 36.71 लाख रुपए की लागत से स्थापित की गई। कैमरे 12497 शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस के 02 स्लीपर कोच, 03 एसी चेयर कार तथा 16 गैर वातानुकूलित चेयर कार कोचों में लगाए गए हैं। प्रत्येक कोच में 04-06 कैमरे इस तरह लगाए गए हैं कि कोच के प्रत्येक हिस्से की तस्वीर ली जा सके। रिकॉर्डिंग के लिए डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर है और इसमें एचडीडी तथा एसडी कार्ड, सॉफ्टवेयर, देखने के लिए डिस्प्ले मानिटर, आपस में जुड़े केबल, 12 बोल्ट की बिजली सप्लाई तथा उपकरण लगे हैं।

एजी/डीसी-1904
(Release ID : 138711)
                        
(Release ID 47110)

gatimaan express got loss of 16 lakh in two days

गतिमान एक्सप्रेस लाइवPC: कुमार संजय/अमर उजाला, नई दिल्ली

News Highlights

  • 1360 की क्षमता, 733 यात्रियों ने ही किया सफर
  • गतिमान के प्रति नहीं हो पा रहा है लोगों का रूझान
  • किराया महंगा होना लोग बता रहे हैं कारण 
देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों की सूची में अपना नाम दर्ज करा चुकी गतिमान एक्सप्रेस का दो दिन में करीब 16 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। दो दिन में केवल 733 यात्रियों ने गतिमान से सफर तय किया। खुद रेलवे के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।

लोगों का मानना है कि गतिमान का किराया अधिक होने के कारण ही यात्रियों का रूझान गतिमान के प्रति नहीं हो पा रहा है। जबकि रेल अधिकारी कहते हैं कि अभी नई-नई ट्रेन चली है इसी लिए लोगों को जानकारी कम है। कुछ दिन बाद स्थिति सुधर जाएगी।

12 कोच वाली गतिमान एक्सप्रेस में 1360 यात्रियों के अप-डाउन सफर करने की व्यवस्था की गई है। इसमे दो कोच जनरेटर सेट के लगे हैं। 8 एसी चेयरकार और दो एक्जीक्युटिव कोच लगे हैं। अप-डाउन में 8 एसी चेयरकार में 1248 और एक्जीक्युटिव क्लास में 112 यात्री सफर करते हैं। यानी एक दिन में सीट फुल होने पर गतिमान की आमदनी 11 लाख 4 हजार रुपये है। रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक पहले दिन एसी चेयरकार के 172 और एक्जीक्युटिव क्लास के 39 यात्रियों ने सफर किया था।

पहले दिन ही 525 सीटें खाली थी। जबकि बुधवार को दूसरे दिन निजामुद्दीन से आगरा और आगरा से निजामुद्दीन तक 456 यात्री एसी चेयरकार के और 66 एक्जीक्युटिव क्लास के यात्रियों ने सफर पूरा किया। यानी अप-डाउन में 792 सीटें चेयरकार की और 46 सीटें एक्जीक्युटिव क्लास की खाली रह गई। इस हिसाब से बुधवार को 6,63,000 रुपये का नुकसान और पहले दिन मंगलवार को 9,16,500 रुपये का नुकसान गतिमान हो उठाना पड़ा है।

अभी गतिमान एक्सप्रेस के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। जैसे-जैसे लोगों को जानकारी होती जाएगी, सीटें भरती जाएंगी। फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल में भी ट्रेन के लिए आरक्षण शुरू कर दिया गया है। जल्द ही यात्रियों की कमी पूरी हो जाएगी।-नीरज शर्मा, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे

लखनऊ, 8 अप्रैल। पूर्वोत्तर रेलवे ने अयोध्या में लगने वाले रामनवमी मेला तथा तुलसीपुर में लगने वाले देवी पाटन मेला में आने-जाने वाले श्रद्धालु यात्रियों की सुविधा के लिए दो विशेष गाड़ियां चलाने का फैसला लिया है। पूर्वोत्तर रेलवे की विज्ञप्ति के अनुसार,
54240/54243 गोंडा-मनकापुर-गोंडा मेला स्पेशल गाड़ी 13 से 18 अप्रैल तक तथा
55034/55028 गोंडा-तुलसीपुर-गोंडा मेला स्पेशल गाड़ी 7 से 16 अप्रैल तक चलाने का निर्णय लिया है।
रेलवे के इस फैसले के कारण अब
54240 मनकापुर-गोंडा मेला स्पेशल मनकापुर से 12.50 बजे प्रस्थान कर गोंडा 13.25 बजे पहुंचेगी।
54243 गोंडा-मनकापुर मेला स्पेशल गोंडा से 14.05 बजे प्रस्थान कर मनकापुर 15.20 बजे पहुंचेगी।
इसी तरह 55034 गोंडा-तुलसीपुर मेला स्पेशल गोंडा से 12.15 बजे प्रस्थान कर तुलसीपुर 14.25 बजे पहुंचेगी। 55028 तुलसीपुर-गोंडा मेला स्पेशल तुलसीपुर से 14.45 बजे प्रस्थान कर गोंडा 16.40 बजे पहुंचेगी।
दोनों मेला स्पेशल गाड़ियां अपने यात्रा मार्ग के सभी स्टेशनों/हॉल्टों पर रुकेगी।
इसके अलावा 55001/55002 गोरखपुर-अयोध्या-गोरखपुर सवारी गाड़ी में 13 से 18 अप्रैल तक साधारण श्रेणी के 4 अतिरिक्त कोच लगाए जाएंगे। 14213/14214 वाराणसी-गोंडा-वाराणसी इंटरसिटी एक्सप्रेस का 13 से 18 अप्रैल तक मोतीगंज स्टेशन पर 1 मिनट का ठहराव दिया जाएगा।
gatiman hit in third day

 नई दिल्ली

देश की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन ‘गतिमान एक्सप्रेस’ में सफर करने की चाहत रेल यात्रियों में बढ़ गई है। शुरू होने के महज तीन दिन के बाद ही वेटिंग शुरू हो गई। शुक्रवार को ट्रेन का संचालन बंद रहेगा। शनिवार और रविवार को गतिमान में वेटिंग में टिकट मिला। चेयरकार के साथ एग्जीक्यूटिव क्लास में भी वेटिंग शुरू हो गई है। सभी सीटें बुक होने पर रेलवे ने सुपर हिट करार दिया है। दिल्ली से आगरा के बीच शुरू हुई गतिमान एक्सप्रेस का संचालन शुक्रवार को बंद रहेगा। शनिवार को आगरा आने के लिए चेयरकार में गुरुवार रात साढ़े नौ बजे तक वेटिंग 56 रही। जबकि एग्जीक्यूटिव में वेटिंग तीन है। इसी तरह आगरा से दिल्ली जाते समय रविवार को चेयरकार में वेटिंग 13 तक है। ये हाल तब है जब चेयरकार की 700 सीटें गतिमान एक्सप्रेस में हैं। वीकएंड पर गतिमान में जगह न मिलने पर ही यात्रियों ने शताब्दी को विकल्प के रूप में चुना है।

तीन मिनट पहले आई गतिमान
गुरुवार को गतिमान आगरा तक 97 मिनट में पहुंच गई। वृंदावन से अझई रेलवे स्टेशन के बीच सिग्नल में दिक्कतों के बाद भी ट्रेन तीन मिनट पहले आगरा पहुंची। करीब 452 यात्री आगरा आए। गतिमान के रेल यात्रियों में पहले दिन से ही बढ़ोतरी हो रही है। पहले दिन गतिमान से चेयरकार में 181 और एग्जीक्यूटिव में 39 यात्री आए थे तो वहीं दूसरे दिन यह आंकड़ा 300 तक पहुंच गया। तीसरे दिन 452 यात्री और वीकएंड पर तो वेटिंग लिस्ट भी शुरू हो गई।
  • Apr 08, 2016, 05:56 AM IST
अजमेर कैरिज रेल कारखाना राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ चयनित
अजमेर।रेल मंत्रालय की ओर से अजमेर रेल कारखाना को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे श्रेष्ठ कारखाने का अवार्ड दिया जाएगा। 140 सालों के इतिहास में यह पहली बार है, जब अजमेर रेल कारखाने को यह गौरव प्राप्त होगा। अवार्ड शील्ड 16 अप्रैल को रेल सप्ताह के दौरान रेल मंत्री सुरेश प्रभु भुवनेश्वर में प्रदान करेंगे।

उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि कैरिज कारखाना की स्थापना वर्ष 1884 में हुई थी तथा कारखाने में कैरिज एवं वैगन के निर्माण का कार्य किया जाता था। साथ ही वर्ष 1902 में कारखाने मे स्टील कास्टिंग के उत्पादन के कारण देश में यह कारखाना प्रथम स्थान पर रहा है। यहां आधुनिकीकरण कार्य वर्ष 1986- 1992 के बीच किया गया। गेज कनवर्जन का कार्य वर्ष 1995-1996 में किया गया। कैरिज कारखाने में वर्तमान में सवारी डिब्बों, पैलेस आॅन व्हील एवं आरआरओडब्लयू के आवधिक मरम्मत का कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ किया जा रहा है। कारखाने को अवार्ड के लिए चुने जाने पर मुख्य कारखाना प्रबंधक सुधीर गुप्ता ने अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम को बधाई दी है। ज्ञात हो कि गुप्ता अजमेर कारखाना में वर्ष 2012 से पदस्थापित है। एवं इनके मार्गदर्शन में लगातार किए जा रहे कार्याे में सुधार के कारण अजमेर कारखाना के साथ-साथ स्मार्ट सिटी अजमेर को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। गौरतलब है कि हाल ही दिसंबर 2015 में अजमेर कारखाना समूह को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य करने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था।
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गुरुवार रात वाराणसी से दिल्ली जा रही गरीबरथ एक्सप्रेस का इंजन ट्रेन से अलग हो गया। इससे यात्रियों में हड़कंच मच गया। हादसे के चलते काफी देर तक रूट बाधित रहा। घंटों मशक्कत के बाद ट्रेन को दूसरे इंजन से गंतव्य को रवाना किया गया।

गुरुवार की रात करीब साढ़े नौ बजे वाराणसी से दिल्ली जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस का इंजन अचानक दांदूपुर गौरा स्टेशन के बीच अलग हो गया और ट्रेन दो भागों में बंट गई। चालक ने पुन: इंजन को बैक कर ट्रेन को जोड़ा और घटना की जानकारी स्टेशन सहित कंट्रोल रूम तक दी। ट्रेन को लाकर दांदूपुर स्टेशन पर खड़ा किया और दूसरे खराब इंजन को अलग किया गया। उसके बाद ट्रेन के डिब्बों को जोड़कर स्टेशन मास्टर आरपी सिंह ने रवाना किया। इस घटना के चलते रूट काफी देर तक बाधित रहा। पीपी पैसेेंजर को गौरा स्टेशन पर एक घंटे से अधिक खड़ रहना पड़ा। गरीब रथ एक्सप्रेस के रवाना करने के बाद ही ट्रेन को लाइन दी गई।

Press release No. 67508-04-2016
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(Santosh Kumar )
Sr. Public Relations Officer

Saturday 2 April 2016





Published: Sat, 02 Apr 2016 11:26 PM (IST) | Updated: Sun, 03 Apr 2016 01:22 AM (IST)

जयपुर। राजस्थान भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 3 किलोमीटर दूर बाडमेर के मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर शनिवार को नशे में धुत स्टेशन मास्टर की वजह से एक लोकल ट्रेन करीब पौन घंटे तक सिग्नल के इंतजार में खड़ी रही।
स्टेशन मास्टर को निलंबित कर दिया गया है। यह लोकल ट्रेन जोधपुर से यात्रियों को ले कर मुनाबाब पहुंचती है।
सिग्नल नहीं मिलने के कारण यह ट्रेन स्टेशन से 25 किमी दूर खड़ी हो गई। काफी समय तक सिग्नल नहीं मिला और खबर रेलवे के कर्मचारियों को लगी तो वे स्टेशन मास्टर रामू राम के कमरे में गए। कमरा अंदर से बंद था।
कमरे की खिड़की तोड़कर स्टेशन मास्टर को जगाया गया, लेकिन शराब के नशे में वह इतना धुत था कि उसे कोई होश ही नहीं था।
रेलकर्मियों ने उसके मुंह पर पानी डाला तो उसे होश आया। इसके बाद स्टेशन मास्टर जैसे तैसे कंट्रोल रूम गया लेकिन जैसे ही उसने रूम का दरवाजा खोला वह फिर गिर पड़ा।

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