Thursday 7 December 2017

लाइव सिटीज डेस्क : इंडियन रेलवे तकनीकि तौर पर मजबूत हो रहा है. लगातार ट्रेन हादसों के बीच अब खबर यह है कि आने वाले दिनों में अब बिना गार्ड के ही ट्रेनें चलेंगी. न्यू एडवांस तकनीक की मदद से ऐसा संभव हो सकेगा. पहले चरण में यह तकनीक 1000 गुड्स ट्रेन में लगाई जाएगी. इसके लिए रेलवे ने एक ग्लोहबल टेंडर जारी किया है. टेंडर 14 फरवरी 2018 को खुलेगा. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अगले साल यह तकनीक गुड्स ट्रेन में लगनी शुरू हो जाएगी.
इस तकनीक को एंड टू ट्रेन एलिमेटरी (ईओटीटी) नाम दिया गया है.  ईओटीटी नाम का यह उपकरण ट्रेन के अंतिम छोर पर स्थित गार्ड यान (ब्रेक यान) में ही लगाया जाएगा. उपकरण एक कम्यूनिकेशन सिस्टम के तहत काम करेगा, जो गुड्स ट्रेन के आगे इंजन से लगाए गए अंतिम छोर के डिब्बे तक जुड़ा रहेगा. पूरी गुड्स ट्रेन की एक-एक पल की गतिविधि उपकरण में दर्ज होती रहेगी और उसी के अनुसार वह काम करेगा. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि अगर गुड्स ट्रेन में ईओटीटी तकनीक पूरी तरह सफल रहती है तो इसे बाद में सवारी ट्रेनों में भी शुरू किया जाएगा. लेकिन इससे पहले गुड्स ट्रेन में इसका अच्छे  से ट्रायल लिया जाएगा और पूरे सिस्ट म पर गहराई से नजर रखी जाएगी.
हरी झंडी दिखाता ट्रेन गार्ड
प्लेटफार्म से गुड्स ट्रेन के रवाना होने से पहले ईओटीटी ब्रेक पाइप प्रेशर आदि को चेक करेगा और उसके बाद लोको पायलटों को ग्रीन सिग्नल देगा. आगे सिग्नल मिलने के बाद संतुष्ट होने पर लोको पायलट गुड्स ट्रेन को शुरू कर देंगे. इसके बाद उपकरण लगातार लोको पायलट और कंट्रोल के संपर्क में रहेगा. सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के साथ ही सेफ्टी की भी निगरानी करेगा.
ईओटीटी विशेष परिस्थिति में या ट्रेन के दो भाग में बंट जाने पर लोको पायलट और कंट्रोल को सूचित करेगा. यानी, पूरी तरह गार्ड की भूमिका निभाएगा. सिस्टम की सफलता के बाद आने वाले दिनों में भारतीय रेल की सभी गुड्स ट्रेन में यह उपकरण लगा दिए जाएंगे.

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