आईएएनएस| Mar 19, 2016, 11.49 AM IST जबलपुर
मध्य प्रदेश के जबलपुर जोन में रेल लाइन के विद्युतीकरण के कार्य में हुए घोटाले में केंद्रीय जांच यूरो (सीबीआई) ने दो मामले दर्ज़ किए जाने के साथ ही 13 शहरों में 23 ठिकानों पर दबिश देते हुए तलाशी अभियान चलाया है। जबलपुर क्षेत्र के अधीन आने वाले माणिकपुर-सतना और सतना-रीवा रेलवे लाइन विद्युतीकरण के कार्य में फाउंडेशन का कार्य अधिक दिखाकर रेलवे को कारोड़ों रूपये का चूना लगाए जाने का मामला सामने आया है।
घोटाले की जांच कर रही जबलपुर सीबीआई टीम ने शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों सहित यूपी, हरियाणा में आरोपियों के 23 ठिकानों पर दबिश दी। इस घोटाल में ठेकेदार कंपनी कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सहित रेलवे विभाग के कई अधिकारी शामिल है। सीबीआई ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज़ किए है।
सीबीआई के पुलिस अधीक्षक मनीष सुरती के अनुसार, 30 दिसंबर 2015 को सीबीआई ने कार्यपालक विद्युत् अभियंता डी.डी.श्रीवास्तव व मुरलीधर कोरी, वरिष्ठ खंड अभियंता मनोज कुमार प्रभाकर और वरिष्ठ खंड अभियंता संजय मीना सहित रेलवे विद्युतीकरण विभाग के चार अधिकारीयों और काम का जिम्मा लेने वाली कंपनी कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ़ दो मामले दर्ज़ किए गए है।
सीबीआई के अनुसार, माणिकपुर-सतना और सतना-रीवा की रेलवे लाइन विद्युतीकरण का ठेका लगभग 255 करोड़ रूपये में दिया गया था। इसमें फाउंडेशन के कार्य का ठेका 25 करोड़ रूपये का था। फाउंडेशन का काम कम किया गया, लेकिन आरोपी रेलवे अधिकारीयों ने मेजरमेंट बुक और बिल में इस कार्य को बढ़ाकर दिखाया। इससे निजी कंपनी को अवैध तरीके से फायदा पहुंचा.
प्रारंभिक जांच में यह घोटाला तीन करोड़ रूपये से अधिक का पाया गया है। सीबीआई टीम ने इस घोटाले के संबंध में शुक्रवार को जबलपुर, भोपाल, कटनी, सतना, इटारसी, छिंदवाड़ा, दिल्ली, जयपुर, इलाहाबाद, जींद, आगरा, मथुरा एवं मुज़फ्फरनगर में 23 स्थानों पर स्थित आरोपियों के घरों, रेलवे विद्युतीकरण के कार्यालय और निजी कंपनी के कार्यालय में दबिश देकर महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त किये हैं।
(हिन्दी समाचार from Navbharat Times)
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